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जीपीएम:स्वामी आत्मानंद स्कूल के खिलाफ 20 दिन बाद फिर चक्काजाम,हिंदी मीडियम और प्राचार्य हटाने की मांग…

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के सेमरा में ग्रामीणों और छात्रों ने हिंदी मीडियम बच्चों को प्रवेश न मिलने व प्राचार्य के दुर्व्यवहार के विरोध में चक्काजाम किया। प्रशासन के लिखित आश्वासन के बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ।

जन आंदोलन चक्का जाम स्कूली बच्चों के भविष्य को लेकर

छत्तीसगढ़ गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के सेमरा गांव में स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में हिंदी मीडियम के बच्चों को प्रवेश न मिलने और प्राचार्य द्वारा कथित दुर्व्यवहार के विरोध में आज स्थानीय ग्रामीणों, छात्रों और उनके परिजनों ने पेंड्रा-गौरेला मुख्य मार्ग पर सेमरा तिराहे पर चक्काजाम कर दिया। लगभग दो घंटे तक चले इस प्रदर्शन से यातायात पूरी तरह ठप रहा, जिससे राहगीरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। स्थानीय प्रशासन और पुलिस के हस्तक्षेप के बाद लिखित आश्वासन मिलने पर प्रदर्शन समाप्त किया गया।

दरअसल, यह विवाद 20 दिन पहले 4 जुलाई को शुरू हुआ था, जब सेमरा और भदौरा गांव के ग्रामीणों, छात्रों और जनप्रतिनिधियों ने स्कूल के सामने चक्काजाम और धरना-प्रदर्शन किया था। ग्रामीणों का कहना है कि पहले यह स्कूल हिंदी मीडियम था, लेकिन इसे इंग्लिश मीडियम में बदलने के बाद गांव के हिंदी मीडियम के बच्चों को प्रवेश नहीं मिल रहा। इससे उन्हें पढ़ाई के लिए दूरदराज के गांवों में जाना पड़ता है, जिससे उनकी शिक्षा पर असर पड़ रहा है। इसके अलावा, स्कूल के प्राचार्य पर बच्चों और परिजनों के साथ अभद्र व्यवहार का भी आरोप लगाया गया है। उस दिन प्रशासन के आश्वासन के बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ था, लेकिन मांगें पूरी न होने से ग्रामीणों का गुस्सा फिर भड़क उठा।

24 जुलाई को नाराज छात्र-छात्राओं, परिजनों और ग्रामीणों ने दोबारा सेमरा तिराहे पर चक्काजाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि स्कूल को फिर से हिंदी मीडियम में शुरू किया जाए और प्राचार्य को हटाया जाए। दो घंटे तक चले चक्काजाम से मुख्य मार्ग पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। सूचना मिलने पर एसडीएम पेंड्रारोड, पुलिस प्रशासन और स्थानीय अधिकारी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से बातचीत की।

लंबी चर्चा के बाद प्रशासन ने लिखित आश्वासन दिया कि सेमरा में जल्द से जल्द हिंदी मीडियम स्कूल का संचालन शुरू किया जाएगा। साथ ही, प्राचार्य का स्थानांतरण 28 जुलाई तक कर दिया जाएगा। इस आश्वासन के बाद प्रदर्शनकारियों ने चक्काजाम समाप्त कर दिया।ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि इस बार उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे और उग्र आंदोलन करेंगे। इस घटना ने एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की पहुंच और भाषा माध्यम से जुड़ी समस्याओं को उजागर किया है।

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