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राज्यपाल के गोद लिए गांव में चमत्कारी इलाज का खेल, बीमारी से धर्म बदलने तक की सामने आई कहानी…

गरियाबंद जिले के बिजली गांव में बीमारी के इलाज के बाद लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया जाता है. इस मामले को लेकर वीएचपी ने विरोध जाता शुरू कर दिया है. आइए आपको पूरे मामले के बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं.

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद (Gariaband) जिले के फिंगेश्वर ब्लॉक का बिजली गांव कोई साधारण गांव नहीं है, बल्कि राज्यपाल रामेन डेका (Raman Deka) का गोद ग्राम है. लेकिन, इन दिनों यहां हो रही घटनाएं गांव की पहचान को विवादों में ला रही हैं. गांव में चंगाई सभाएं हो रही हैं, जहां गरीब और पिछड़े वर्ग के लोग अपनी बीमारी के इलाज की उम्मीद में पहुंचते हैं. इसकी शुरुआत प्रार्थना से होती है, फिर उनके धार्मिक विश्वास पर सवाल उठाए जाते हैं. कहा जाता है कि तुम्हारे राम और कृष्ण में ताकत नहीं, प्रभु यीशु में ही चमत्कार है.

ग्रामीणों ने लगाया आरोप
चौंकाने वाली बात यह है कि यह सब राज्यपाल के गोद ग्राम में हो रहा है. फिंगेश्वर के बिजली, लफेंदी और बेलटुकरी गांवों में ऐसी सभाएं बिना किसी अनुमति के चल रही हैं. इस क्षेत्र में रहने वाले कई लोगों का दावा हैं कि गंभीर बीमारियां बिना दवा के ठीक हो जाती हैं, लेकिन इसके बाद धीरे-धीरे धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया जाता है. बता दें कि तीन महीने पहले सुरसाबांधा गांव में इसी तरह के इलाज के दौरान एक युवती की मौत हो चुकी है, लेकिन इसके बावजूद ऐसे आयोजन जारी हैं.

वीएचपी ने जताया विरोध
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता संयोजक मोहित साहू के नेतृत्व में इन तीनों गांवों में पहुंचे और सभाओं का निरीक्षण किया. उन्होंने पुलिस के सामने आयोजकों से सवाल किए और अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग की. जिलाध्यक्ष प्रकाश निर्मलकर ने चेतावनी दी कि अगर पैसों के लालच और कथित चमत्कार के बहाने धर्म परिवर्तन की कोशिश हुई, तो हम उग्र आंदोलन करेंगे. प्रशासन को भी लिखित शिकायत दी जाएगी.

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