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केरल की ननों को एनआईए कोर्ट से मिली जमानत…

मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोप में हुई थी गिरफ्तारी.

बिलासपुर छत्तीसगढ // दुर्ग जिले के भिलाई 3 रेलवे स्टेशन पर हुए धर्मांतरण और मानव तस्करी विवाद में गिरफ्तार की गई। दोनों मिशनरी ननों को बिलासपुर एनआईए कोर्ट ने शनिवार को सशर्त जमानत दे दी है। इसी मामले में गिरफ्तार नारायणपुर के ग्रामीण को भी जमानत दे दी गई है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे शनिवार को सुनाया गया।

दरअसल 25 जुलाई को दुर्ग से आगरा जा रही ट्रेन में दो नन प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस को नारायणपुर की तीन आदिवासी युतियों के साथ पकड़ा गया था। बजरंग दल की एक कार्यकर्ता की शिकायत पर जीआरपी ने दोनों ननों के साथ सुखमन मंडावी नामक युवक को भी गिरफ्तार किया था। आरोप था कि ये तीनों युवतियों को बाहला फुसलाकर धर्मांतरण कराने और उन्हें बेचने के इरादे से यूपी के आगरा ले जा रहे थे।

मामला भिलाई थाना 3 क्षेत्र की दुर्ग जीआरपी चौकी का है। जिन युवतियों को ले जाया जा रहा था उनके नाम कमलेश्वरी, ललिता और सुखमति है। आरोप था कि उन्हें नौकरी दिलाने का झांसा दिया गया था।

गिरफ्तारी के बाद तीनों को दुर्ग जेल भेज दीया गया था। सेशन कोर्ट द्वारा मामले को अधिकार क्षेत्र के बाहर का बताए जाने पर पीड़ित पक्ष की ओर से बिलासपुर एनआईए कोर्ट में जमानत याचिका लगाई गई थी। एक अगस्त को हुई सुनवाई में दोनों पक्षों की दलीलें सुनी गई और शनिवार को कोर्ट ने ननों को जमानत दे दी।

नानों की ओर से पैरवी कर रहे वकील अमृतोदास ने बताया कि कोर्ट ने तीनों आरोपियों को कुछ शर्तो के साथ जमानत दी है।

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